ITR क्या है?
ITR (Income Tax Return) एक ऐसा फॉर्म है जिसमें आप सरकार को अपनी आय और उस पर चुकाए गए टैक्स की जानकारी देते हैं। भारत में हर आय कमाने वाले व्यक्ति, संस्था या कंपनी को, यदि उनकी आय एक निश्चित सीमा से अधिक है, तो ITR Filing (आयकर रिटर्न फाइलिंग) करना अनिवार्य होता है।
ITR क्यों भरना ज़रूरी है?
- कानूनी बाध्यता – अगर आपकी आय टैक्स योग्य है और आप ITR नहीं भरते, तो सरकार पेनल्टी लगा सकती है।
- लोन और वीज़ा के लिए ज़रूरी – होम लोन, कार लोन या विदेश यात्रा के लिए वीज़ा आवेदन में ITR सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
- टैक्स रिफंड – अगर आपके ऊपर ज़्यादा TDS (Tax Deducted at Source) कटा है तो रिफंड पाने के लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है।
- पारदर्शिता – यह आपकी वित्तीय स्थिति को साफ़-साफ़ दर्शाता है।
किन्हें ITR भरना चाहिए?
- जिनकी वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक (60 साल से कम उम्र) है।
- सीनियर सिटीजन (60–80 वर्ष) जिनकी आय ₹3 लाख से अधिक है।
- सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष से अधिक) जिनकी आय ₹5 लाख से अधिक है।
- अगर आपकी आय टैक्स स्लैब से कम भी है लेकिन आपने TDS कटवाया है, तो रिफंड पाने के लिए ITR फाइल करना फायदेमंद है।
- जिनके पास विदेशी संपत्ति या विदेशी बैंक अकाउंट है।
- जो बिज़नेस या फ्रीलांसिंग से कमाते हैं।
ITR Filing की प्रक्रिया (कैसे करें?)
1. आधिकारिक पोर्टल पर जाएं
- आयकर विभाग का ई-फाइलिंग पोर्टल: https://www.incometax.gov.in
- यहाँ PAN नंबर और पासवर्ड से लॉगिन करें।
2. सही ITR फॉर्म चुनें
- ITR-1 (सहज): Salary, Pension, One House Property या Interest Income वालों के लिए।
- ITR-2: जिनकी एक से अधिक संपत्तियाँ हैं या Capital Gain है।
- ITR-3: बिज़नेस/प्रोफेशन से कमाने वालों के लिए।
- ITR-4 (सुगम): Presumptive Income (जैसे छोटे व्यापारी, फ्रीलांसर) के लिए।
3. आवश्यक दस्तावेज़ रखें
- PAN कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक/स्टेटमेंट
- फॉर्म 16 (सैलरी वालों के लिए)
- फॉर्म 26AS और AIS (टैक्स विवरण देखने के लिए)
- निवेश से जुड़े प्रूफ (LIC, PPF, ELSS, Mediclaim आदि)
4. ऑनलाइन ITR भरें
- अपनी आय, कटौतियाँ, टैक्स डिटेल सही-सही भरें।
- फाइल सबमिट करने के बाद आपको Acknowledgement (ITR-V) मिलेगा।
5. वेरिफिकेशन करें
ITR फाइल करने के बाद उसका ई-वेरिफिकेशन करना ज़रूरी है। यह आप आधार OTP, नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट या फिज़िकल साइन भेजकर कर सकते हैं।
ITR Filing की अंतिम तिथि (Last Date)
- व्यक्तिगत टैक्सपेयर के लिए (Audit की ज़रूरत नहीं): हर साल 31 जुलाई तक।
- ऑडिट वाले केस (बिज़नेस/प्रोफेशन): 31 अक्टूबर तक।
- रिटर्न रिवाइज करने की आखिरी तारीख: अगले साल की 31 दिसंबर तक।
👉 उदाहरण: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR Filing की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है।
अगर समय पर ITR नहीं भरा तो?
- लेट फीस – सेक्शन 234F के तहत अधिकतम ₹5000 तक पेनल्टी लग सकती है।
- इंटरेस्ट – बकाया टैक्स पर ब्याज देना होगा।
- रिफंड में देरी – अगर TDS कटा है तो रिफंड समय पर नहीं मिलेगा।
- लोन/वीज़ा पर असर – ITR न होने से आपका वित्तीय रिकॉर्ड कमजोर हो जाता है।
ITR Filing कहाँ-कहाँ कर सकते हैं?
- ऑनलाइन ई-फाइलिंग पोर्टल
- सीए या टैक्स कंसल्टेंट की मदद से
- ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग प्लेटफ़ॉर्म्स (ClearTax, TaxBuddy, myITR आदि)
ITR Filing में आम गलतियाँ
- गलत ITR फॉर्म चुनना।
- बैंक अकाउंट डिटेल्स अपडेट न करना।
- निवेश/डिडक्शन का प्रूफ न जोड़ना।
- ITR वेरिफिकेशन न करना।
- आय छुपाना – जिससे नोटिस आ सकता है।
टैक्स बचाने के स्मार्ट तरीके
- सेक्शन 80C – PPF, LIC, ELSS, EPF, ट्यूशन फीस पर ₹1.5 लाख तक की छूट।
- सेक्शन 80D – हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट।
- होम लोन इंटरेस्ट – सेक्शन 24(b) के तहत ₹2 लाख तक।
- NPS (80CCD) – ₹50,000 अतिरिक्त डिडक्शन।
निष्कर्ष
ITR Filing (आयकर रिटर्न फाइलिंग) हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है। समय पर ITR भरने से न केवल आप कानूनी परेशानियों से बचते हैं बल्कि आपको टैक्स रिफंड, लोन अप्रूवल और वित्तीय विश्वसनीयता भी आसानी से मिलती है। इसलिए ITR Filing की अंतिम तिथि (Last Date) पर न छोड़कर समय रहते आयकर रिटर्न भरें।